मेलोनी के संविधान सुधार और 'M' फैक्टर: मुसोलिनी की तुलना ने जगाया राजनीतिक विवाद

इटली की प्रधानमंत्री जिओर्जिया मेलोनी के संविधान सुधारों के चलते उनकी राजनीतिक विरासत पर फिर से बहस छिड़ गई है। आलोचकों का कहना है कि उनके राष्ट्रवादी-जनवादी भाषण और नीतियाँ बेनिटो मुसोलिनी के फैशिस्ट शासन से जुड़ी छवि को जीवित रख रही हैं। यह तुलना केवल इतिहास की याद नहीं, बल्कि आज के इटली के लिए एक गहरा चेतावनी है — जहाँ आज भी एक ऐसी सरकार है जो 80 साल पहले उस दर्द को भुलाने का दावा करती है, लेकिन उसी विरासत के संकेतों को अपनाती है।

"M" फैक्टर: एक शब्द, दो अर्थ

जुलाई 2022 में, ला रेपुब्लिका के पत्रकार पाओलो बेरिज्जी ने एक लेख लिखा, जिसमें मेलोनी के चुनावी नारे — "mamma, merito, mare e marchio" (माँ, योग्यता, समुद्र और ब्रांड) — के "M" के बारे में सवाल उठाया गया। क्या यह केवल चार शब्दों का संक्षिप्त रूप था, या फिर यह M जैसे नाम वाले लोगों के लिए एक अप्रत्यक्ष इशारा था — जैसे Mussolini? मेलोनी ने फेसबुक पर जवाब देते हुए कहा, "अगर M फैशिस्ट है, तो मेरा फैमिली नाम भी फैशिस्ट है? तो अब मिनिस्टर मेस्सा या राष्ट्रपति मत्तारेला क्या करें?" यह जवाब अपनी तरह का एक नाटकीय अंदाज था — शायद इसलिए कि वह जानती थीं कि इस सवाल का जवाब उनके लिए असहनीय है।

टाइम मैगजीन की गहरी निगाह: एक नए अधिकारवादी नेता का उदय

25 जुलाई, 2025 को टाइम मैगजीन के वाशिंगटन प्रमुख मैसिमो कैलाब्रेसी ने एक विश्लेषण प्रकाशित किया, जिसमें मेलोनी को "उभरते अधिकारवादी नेताओं की भावना का सर्वोत्तम रूप" कहा गया। उन्होंने लिखा कि मेलोनी ने बाजारों को शांत किया, अटलांटिक गठबंधन का ध्यान आकर्षित किया, और पालाजो चिजी में अपने आगमन से पहले घेरे गए डर को निष्क्रिय कर दिया। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक खतरनाक संकेत दिया: मेलोनी अपने राजनीतिक विरासत — मूवमेंट सोशलिस्ट और अलियांजा नेशनल — के प्रतीकों को छिपाने के बजाय, उन्हें घमंड से पहन रही हैं।

संविधान सुधार: न्यायपालिका को कमजोर करने की रणनीति

मेलोनी की सरकार के तीन मुख्य लक्ष्य हैं: निर्णय लेने वाले अधिकार को मजबूत करना, न्यायपालिका को कमजोर करना, और विरोध की आवाजों को दबाना। यह सिर्फ नीति नहीं, बल्कि एक दर्शन है — जहाँ "अधिक कर्तव्य, कम अधिकार" का संदेश दिया जा रहा है। अप्रवासियों के खिलाफ डर को जीवित रखा जा रहा है, और यूरोप के टूटते हुए एकीकरण के बीच, मेलोनी खुद को एक "कानून और व्यवस्था" दाहिने पंथ के नए नेता के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं। यूरोपीय संघ के भीतर उनकी भूमिका अब सिर्फ एक देश की नहीं, बल्कि एक नए राजनीतिक धारा की नींव है।

क्या यह वास्तव में फैशिज़म है?

क्या यह वास्तव में फैशिज़म है?

लेकिन यहाँ एक महत्वपूर्ण अंतर है। स्टेफानो रोलंडो, एक राजनीतिक विश्लेषक, ने इल मोंडो नूवो में लिखा कि "आज की सरकार का बहुमत फैशिस्ट मतों से नहीं, बल्कि मेलोनी के ऐतिहासिक मतों से आया है"। वह कहते हैं कि मेलोनी का राजनीतिक विकास एक "बर्लुस्कोनियन, कैथोलिक-संरक्षवादी और लौकिक विरोधी कम्युनिस्ट" मिश्रण से हुआ है — जो आज एक "सांस्कृतिक अधिकार का विकल्प" की अवस्था में है। यह एक अलग रास्ता है — न तो पुराने फैशिज़म का अनुकरण, न ही उसकी वापसी। लेकिन उनके प्रतीक, भाषा और रणनीति अभी भी उसी छाया को बनाए रखती हैं।

क्या इटली फिर से उस दिन की ओर बढ़ रहा है?

माइक्रोमेगा मैगजीन के फरवरी 2025 अंक में एक खुला सवाल उठाया गया: "मुसोलिनी के खिलाफ लिबरेशन के 80 साल बाद, इटली एक ऐसे दल द्वारा शासित है जो उस इतिहास का वारिस है। इसका क्या मतलब है?" यह सवाल केवल एक विचारक का नहीं, बल्कि एक पूरे देश का है। क्या आज की युवा पीढ़ी जानती है कि फैशिज़म क्या था? क्या उन्हें पता है कि एक बार इटली ने एक व्यक्ति को देश का स्वामी बना दिया था? जब मेलोनी ने अलेसांड्रा मुसोलिनी (बेनिटो की पोती) की आलोचना की — "वह महिलाओं के साथ बेकारी से बुरी है" — तो उन्होंने न सिर्फ एक व्यक्ति को, बल्कि उस विरासत के बारे में एक भावना भी व्यक्त की। वह उस विरासत से दूर जाना चाहती हैं... लेकिन उसके बिना नहीं।

अगला कदम: क्या यूरोप चुप रहेगा?

अगला कदम: क्या यूरोप चुप रहेगा?

यूरोपीय संघ अब तक इस बात पर ध्यान नहीं दे पाया है कि एक सदस्य देश कैसे अपने संविधान को बदलकर लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रहा है। जब न्यायपालिका को नियंत्रित किया जाता है, तो अखबारों को दबाया जाता है, और विरोध को अवैध घोषित किया जाता है — तब यूरोप की अपनी आत्मा की बात कौन कहेगा? फ्रांस, जर्मनी या नीदरलैंड्स की सरकारें अभी भी इटली के साथ व्यापार और सुरक्षा में साझेदारी कर रही हैं। लेकिन क्या वे जानती हैं कि वे एक ऐसे राजनीतिक ढांचे के साथ बातचीत कर रही हैं जिसकी जड़ें उनके अपने इतिहास के सबसे अंधेरे दिनों में हैं?

क्या यह दोहराव है या बदलाव?

यह वास्तव में फैशिज़म का दोहराव नहीं है। यह उसका एक नया रूप है — जिसमें बारूद की बजाय बजट का उपयोग होता है, और सैनिक यूनिफॉर्म की बजाय सोशल मीडिया का। मेलोनी ने अपने आप को एक आधुनिक नेता के रूप में प्रस्तुत किया है — जो बाजार को समझती है, यूरोप के साथ बातचीत करती है, और अपने चुनावी नारों को ट्वीट करती है। लेकिन उसके नीचे छिपा हुआ विचार: "हम अकेले हैं, बाहर के लोग खतरा हैं, और हमारी शक्ति एकमात्र विश्वास है" — यही वही है जो 1920 के दशक में भी चल रहा था।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मेलोनी के संविधान सुधार कैसे न्यायपालिका को कमजोर करते हैं?

मेलोनी की सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति पर अधिक नियंत्रण चाहती है, और उनकी शक्ति को कम करने के लिए न्यायिक समीक्षा को सीमित करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, विरोधी दलों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई को रोकने के लिए नए कानून बनाए जा रहे हैं। यह एक ऐसा ढांचा है जहाँ न्याय राजनीति के अधीन हो जाता है।

"M" फैक्टर का मतलब क्या है और यह क्यों विवादित है?

"M" फैक्टर का मतलब है माँ, योग्यता, समुद्र और ब्रांड — मेलोनी के चुनावी नारे। लेकिन जब इन सबका पहला अक्षर M है, तो यह फैशिस्ट नेता मुसोलिनी के नाम के साथ तुलना करने का एक छिपा संकेत भी बन जाता है। यह भाषा का खेल है, जिसमें इतिहास को नकारने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उसी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

क्या मेलोनी वास्तव में फैशिस्ट हैं?

मेलोनी खुद को फैशिस्ट नहीं कहतीं। लेकिन उनका दल, फ्रातेली डी इतालिया, अपनी जड़ें मूवमेंट सोशलिस्ट से जोड़ता है — जो मुसोलिनी के बाद का फैशिस्ट दल था। उनके प्रतीक, भाषण और रणनीति इसी विरासत को जीवित रखती हैं — चाहे वे इसे स्वीकार करें या न करें।

यूरोपीय संघ मेलोनी के संविधान सुधारों के खिलाफ क्यों नहीं उठा?

यूरोपीय संघ की एक बड़ी समस्या यह है कि वह अपने सदस्यों के आंतरिक राजनीतिक बदलावों को रोकने के लिए कानूनी शक्ति नहीं रखता। अगर कोई देश चुनाव जीत जाता है, तो उसकी राजनीति को बाहर से बदला नहीं जा सकता। इसलिए, जब तक इटली के लोग उन्हें बरकरार रखते हैं, तब तक यूरोप के पास कोई वैध विकल्प नहीं है।

क्या मेलोनी अलेसांड्रा मुसोलिनी से नफरत करती हैं?

नहीं, वह उससे नफरत नहीं करतीं — बल्कि उसकी छवि से दूर रहना चाहती हैं। अलेसांड्रा एक खुला फैशिस्ट है, जबकि मेलोनी चाहती हैं कि उन्हें एक "आधुनिक नेता" माना जाए। उनकी आलोचना एक रणनीति है: अपने विरासत को नकारने के लिए, उस विरासत के सबसे खुले प्रतिनिधि को अस्वीकार करना।

क्या इटली के लोग इस बदलाव को स्वीकार कर रहे हैं?

हाँ, और यही सबसे डरावनी बात है। 2022 के चुनाव में, उनका दल 44% मत प्राप्त कर चुका है। अधिकांश नागरिक अपने आर्थिक डर, अप्रवासी भावना और राष्ट्रीय गर्व के लिए उन्हें समर्थन दे रहे हैं। इतिहास की याद अब उनके लिए अधिक बुरा नहीं है — बल्कि एक शक्ति का संकेत है।