बाइडेन – जो बाइडेन के बारे में आपको जो चाहिए सब
जो बाइडेन 2021 में अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बने। अगर आप बाइडेन के बारे में नई जानकारी चाहते हैं तो यहाँ पढ़ें। हम उनके पृष्ठभूमि, चुनाव यात्रा, मुख्य नीतियों और विदेश नीति को सरल शब्दों में समझाते हैं।
बाइडेन की प्रमुख नीतियां
राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन ने कई बड़े काम शुरू किए। सबसे पहले, उन्होंने कोविड‑19 वैक्सीन का तेज वितरण करवाया। सरकार ने फ्री टेस्ट, मास्क और वैक्सीन को मुफ्त में प्रदान करने की योजना लागू की। दूसरा, बाइनरी इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज के तहत सड़क, पुल, ब्रॉडबैंड और साफ पानी के प्रोजेक्ट्स को फंड मिले। इससे छोटे शहरों में रोज़गार भी बढ़ा। तीसरा, जलवायु बदलाव से लड़ने के लिए कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली नीति लायी गई। इलेक्ट्रिक कारों को टैक्स क्रेडिट और सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को सब्सिडी मिली। ये तीन मुख्य कदम बाइडेन के एजेंडे में प्रमुख रहे।
बाइडेन का अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण
विदेश में बाइडेन ने गठबंधन को फिर से मजबूत करने पर ध्यान दिया। उन्होंने NATO के साथ सहयोग बढ़ाया और चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को संतुलित करने की कोशिश की। मध्य पूर्व में, अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी एक बड़ा कदम था, जबकि इज़राइल‑फ़िलिस्तीन मुद्दे में दो‑राज्य समाधान की पुश जारी रखी। यूरोप में, रशिया की यूक्रेन आक्रमण के जवाब में आर्थिक प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया। बाइडेन की विदेश नीति में सहयोग, आर्थिक दबाव और मानवीय सहायता को मिलाकर संतुलन बनाने की कोशिश दिखती है।
इन नीतियों के साथ बाइडेन ने घरेलू राजनीति में भी कई चुनौतियों का सामना किया। कांग्रेस में डेमोक्रेटिक बहुमत मजबूत था, पर रिपब्लिकन पार्टियों का प्रतिरोध लगातार रहा। इसलिए कई बिलों को दोबारा संशोधित करना पड़ा। फिर भी बाइडेन ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में ठहराव नहीं दिखाया।
अगर आप बाइडेन के भविष्य के बारे में सोच रहे हैं, तो 2024 का पुनः चुनाव सबसे बड़ा सवाल है। अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वह फिर से लड़ेंगे या कोई अन्य डेमोक्रेट डाला जाएगा। लेकिन ऐसी बात ज़रूरी है कि उनकी वर्तमान नीतियों का असर अगले राष्ट्रपति चुनाव में भी देखा जाएगा।
संक्षेप में, बाइडेन एक अनुभवी राजनेता हैं जिनके पास लंबा राजनीतिक सफ़र है। उनका पोर्टफ़ोलियो कोविड से लेकर जलवायु, इंफ्रास्ट्रक्चर और विदेश नीति तक फैला हुआ है। जो लोग अमेरिकी राजनीति या अंतरराष्ट्रीय संबंध समझना चाहते हैं, उनके लिए बाइडेन का काम एक अच्छा केस स्टडी है।
आखिर में, बाइडेन की कहानी यह दिखाती है कि किस तरह से एक राष्ट्रपति कई मुद्दों को एक साथ संभाल सकता है, और कैसे नीति बनाना कभी एक ही दिशा में नहीं चलता। चाहे आप भारतीय हों या अमेरिकी, बाइडेन के फैसले वैश्विक स्तर पर असर डालते हैं, इसलिए उन पर एक नज़र जरूर रखें।
बाइडेन के गुप्त दस्तावेजों को कौन दाखिल किया?
बाइडेन के गुप्त दस्तावेजों को कौन दाखिल किया यह एक विचारविमर्श है। यह गुप्त दस्तावेज केवल महानियमों की पुष्टि के लिए ही दाखिल किया जा सकता है। कोई व्यक्ति गुप्त दस्तावेज को अपने हकदारों के साथ साझा नहीं कर सकता। इसके लिए महानियम का अनुमोदन और हकदारों की पुष्टि ज़रूरी है। अगर कोई व्यक्ति को गुप्त दस्तावेजों को दाखिल करने की अनुमति नहीं है तो वो गुप्त दस्तावेजों को दाखिल कर नहीं सकता।
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